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Tuesday 6 November 2012

पद्मनाभस्‍वामी मंदिर: SC में समिति की रिपोर्ट पर सुनवाई


नई दिल्‍ली : केरल के श्री पद्मनाभस्‍वामी मंदिर को लेकर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी। रिपोर्टों के अनुसार, शीर्ष कोर्ट इस मंदिर के कुछ तहखानों से मिले सदियों पुराने खजाने को लेकर एक पूर्ण जांच रिपोर्ट दायर करने को लेकर समयसीमा पर निर्णय दे सकती है।

हालांकि, विशेषज्ञ समिति मंदिर को लेकर पूरी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अगस्‍त, 2013 तक का समय चाहती है। गौर हो कि जुलाई, 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने 16वीं सदी के इस मंदिर के तहखानों में रखे खजानों को लेकर एक समिति का गठन किया था। इस मंदिर में अभी एक तहखाने को खोला जाना बाकी है।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने का वैज्ञानिक तरीके से दस्तावेजीकरण तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने पिछले साल भूमिगत तहखाने को खोलकर अपना काम शुरू किया था। समिति के सदस्यों ने तहखानों का निरीक्षण करने के बाद आधुनिक उपकरण की मदद से दस्तावेजीकरण किया।


प्रख्यात पर्यावरणविद एमवी नायर के नेतृत्व वाली समिति ने स्वर्ण एवं कीमती रत्नों के मूल्य और प्राचीनता का आकलन करने के लिए अनुभवी विशेषज्ञों की एक सूची दी थी। इस अवसर पर निगरानी समिति के सदस्य भी मौजूद थे जिन्हें पिछले साल अमूल्य खजाने की सूची तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था।

निगरानी समिति भी उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थापित की गई थी। इसने पिछले साल मंदिर के छह तहखानों में से चार तहखानों को खोला था और वहां अनमोल खजाना मिला था, जिससे दुनिया का ध्यान इस मंदिर और इसके इतिहास की ओर गया था। हालांकि समिति के दायित्व में खजाने का मूल्य आंकने का काम शामिल नहीं था, लेकिन व्यापक तौर पर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

मुंबई के हाजी अली दरगाह पर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी




मुंबई: मुंबई के हाजी अली दरगाह के ट्रस्टियों ने दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। इस नियम के पीछे तर्क यह दिया गया है कि इस्लाम में महिलाओं का प्रवेश अस्वीकार्य है। ट्रस्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि उनका यह फैसला अंतिम है। इस्लामी कानून के मुताबिक महिलाओं के मस्जिद में भी जाने पर पाबंदी होती है।

ट्रस्ट ने कहा है महिलाएं दरगाह परिसर में आ सकती हैं लेकिन जिस स्थान पर पवित्र कब्र है वहां उनके जाने पर प्रतिबंध रहेगा। यह कब्र 15 वीं सदी के सूफी संत पीर हाजी अली शाह बुखारी की है।

दरगाह के एक ट्रस्टी रिजवान मर्चेंट ने कहा है कि हमने अपनी बहनों से आग्रह किया है कि वह कब्र के करीब न जाएं। वे पूर्व के भांति अपनी प्रार्थना, नमाज और शाल तथा फूल अर्पित कर सकती हैं। करीब छह महीने पहले लगाए गए इस प्रतिबंध का अब विरोध आरंभ हो गया है। जो पाबंदी लगाई गई थी वह अब लागू हो गई है।

गौरतलब है कि मुंबई तट से करीब 500 मीटर पानी के भीतर अरब सागर में यह दरगाह स्थित है। हाजी अली की दरगाह महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित एक मशहूर मस्जिद एवं दरगाह है। हाजी अली की दरगाह मुंबई के वर्ली तट के निकट स्थित एक छोटे से टापू पर स्थित है। इसे सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में सन् 1431 में बनाया गया था।


माना जाता है कि एक महान संत हाजी अली शाह बुखारी इस जगह डूब गये थे और इसलिए अब इस जगह मस्जिद एवं दरगाह बनवा दी गई थी। हाजी अली मस्जिद 4500 मीटर के एक क्षेत्र में बनी हुई हैं।


वृंदावन: बांके बिहारी मंदिर की गुल्लक तोड़ने का प्रयास

आगरा: दुनिया भर में अपने धार्मिक महत्व और भव्यता के लिए विख्यात वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए प्राचीन काल से चली आ रही गुल्लक को तोड़ने का प्रयास किया गया है। गुल्लक तोड़ने के आरोप यहां के मेन स्टाफ पर लगाए गए हैं। इस घटना को लेकर भक्तजनों में भारी आक्रोश और यहां के गुसाइयों ने काफी हंगामा काटा हुआ है। पिछले महीने गुल्लक के भर जाने के बाद इसे तोड़ा गया था तो इसमें 48 लाख रुपये मिले थे।