नई दिल्ली : केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को लेकर विशेषज्ञ समिति की
रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी। रिपोर्टों के
अनुसार, शीर्ष कोर्ट इस मंदिर के कुछ तहखानों से मिले सदियों पुराने खजाने
को लेकर एक पूर्ण जांच रिपोर्ट दायर करने को लेकर समयसीमा पर निर्णय दे
सकती है।
हालांकि, विशेषज्ञ समिति मंदिर को लेकर पूरी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अगस्त, 2013 तक का समय चाहती है। गौर हो कि जुलाई, 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने 16वीं सदी के इस मंदिर के तहखानों में रखे खजानों को लेकर एक समिति का गठन किया था। इस मंदिर में अभी एक तहखाने को खोला जाना बाकी है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने का वैज्ञानिक तरीके से दस्तावेजीकरण तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने पिछले साल भूमिगत तहखाने को खोलकर अपना काम शुरू किया था। समिति के सदस्यों ने तहखानों का निरीक्षण करने के बाद आधुनिक उपकरण की मदद से दस्तावेजीकरण किया।
प्रख्यात पर्यावरणविद एमवी नायर के नेतृत्व वाली समिति ने स्वर्ण एवं कीमती रत्नों के मूल्य और प्राचीनता का आकलन करने के लिए अनुभवी विशेषज्ञों की एक सूची दी थी। इस अवसर पर निगरानी समिति के सदस्य भी मौजूद थे जिन्हें पिछले साल अमूल्य खजाने की सूची तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था।
निगरानी समिति भी उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थापित की गई थी। इसने पिछले साल मंदिर के छह तहखानों में से चार तहखानों को खोला था और वहां अनमोल खजाना मिला था, जिससे दुनिया का ध्यान इस मंदिर और इसके इतिहास की ओर गया था। हालांकि समिति के दायित्व में खजाने का मूल्य आंकने का काम शामिल नहीं था, लेकिन व्यापक तौर पर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
हालांकि, विशेषज्ञ समिति मंदिर को लेकर पूरी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अगस्त, 2013 तक का समय चाहती है। गौर हो कि जुलाई, 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने 16वीं सदी के इस मंदिर के तहखानों में रखे खजानों को लेकर एक समिति का गठन किया था। इस मंदिर में अभी एक तहखाने को खोला जाना बाकी है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने का वैज्ञानिक तरीके से दस्तावेजीकरण तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने पिछले साल भूमिगत तहखाने को खोलकर अपना काम शुरू किया था। समिति के सदस्यों ने तहखानों का निरीक्षण करने के बाद आधुनिक उपकरण की मदद से दस्तावेजीकरण किया।
प्रख्यात पर्यावरणविद एमवी नायर के नेतृत्व वाली समिति ने स्वर्ण एवं कीमती रत्नों के मूल्य और प्राचीनता का आकलन करने के लिए अनुभवी विशेषज्ञों की एक सूची दी थी। इस अवसर पर निगरानी समिति के सदस्य भी मौजूद थे जिन्हें पिछले साल अमूल्य खजाने की सूची तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था।
निगरानी समिति भी उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थापित की गई थी। इसने पिछले साल मंदिर के छह तहखानों में से चार तहखानों को खोला था और वहां अनमोल खजाना मिला था, जिससे दुनिया का ध्यान इस मंदिर और इसके इतिहास की ओर गया था। हालांकि समिति के दायित्व में खजाने का मूल्य आंकने का काम शामिल नहीं था, लेकिन व्यापक तौर पर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।